परिचय (Introduction)
खूबानी का फल पौष्टिक होता है और इसके पके हुए फलों का प्रयोग सूखे मेवे के रूप में किया जाता है। खूबानी की गुठली मोटी होती है जिसके अन्दर से गिरी निकलती है। खूबानी की गिरी व फूलों का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता है।
विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)
बुखार:
बुखार से पीड़ित रोगी को खूबानी का रस निकालकर शहद के साथ मिलाकर पिलाना चाहिए। इससे बुखार में जल्दी आराम मिलता है।
जलन:
खूबानी का रस पीने से प्यास और जलन शांत होती है।
शरीर के विषैले द्रव्य को निकालने के लिए:
खूबानी का सेवन प्रतिदिन करने से शरीर का विषैला पदार्थ निकल जाता है। इससे कब्ज भी दूर होती है।
हृदय रोग:
खूबानी का रस पीना हृदय के रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है।
स्नायुविक रोग:
खूबानी का रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से स्नायुविक रोग ठीक होता है।
वीर्य की कमी:
प्रतिदिन खूबानी खाने से वीर्य की कमी दूर होती है और चेहरे की सुन्दरत बढ़ती है।
दाग-धब्बे:
चेहरे की झांईयों व दाग-धब्बे को दूर करने के लिए खूबानी का रस निकालकर चेहरे पर लगाएं और नियमित 150 से 250 मिलीलीटर की मात्रा में पीएं। इससे चेहरे के दाग-धब्बे व झांईयां दूर होती है।
धूप से बचाव:
खूबानी के पत्तों का रस निकालकर त्वचा पर लगाने से धूप से बचाव होता है।
हृदय रोग:
खूबानी का रस 4 चम्मच की मात्रा में पानी में डालकर प्रतिदिन पीने से हृदय रोग दूर होता है।