मसूर की दाल के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज

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परिचय (Introduction)

मसूर की दाल की गणना 2 दालों के रूप में होती है। मसूर की दाल और मूंग की दाल के गुण समान हैं, इसलिए मसूर का प्रयोग मूंग की दाल के रूप में भी किया जाता है। मसूर की दाल को `केसरी´ नाम से भी जाना जाता है। मसूर में गन्धक की मात्रा होती है। मसूर के छिलकों में एक काले पदार्थ को छोड़कर, रेशायुक्त अन्य निरर्थक पदार्थ अधिक हैं, परन्तु छिलके निकाल देने के बाद उसका आटा अत्यन्त बारीक पाउडर (सत्व) वाला हो जाता है।

गुण (Property)

मसूर वायु रोग, अतिसार (दस्त) और मल की निकास में रुकावट डालने वाले तत्वों को हटाता है। मसूर की दाल रक्त (खून) को बढ़ाने वाली और रक्त को गाढ़ा करने वाली होती है। इसे पचने में अधिक समय लगता है। मसूर की दाल खाने से दस्त, बहुमूत्र (पेशाब का अधिक आना), प्रदर और कब्ज में लाभ होता है। मसूर की दाल घी से छौंककर तलकर खाने से नेत्रों को शक्ति मिलती है। मसूर के आटे का चूरमा, मलीदा बनाकर खाने से प्रदर और रक्तस्राव (खून का बहना) बंद हो जाता है। मसूर की दाल और मूंग की दाल के गुण समान हैं, इनका प्रयोग एक-दूसरे के स्थान पर कर सकते हैं।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

पेट के रोग:

मसूर की दाल को खाने से पेट की पाचनक्रिया ठीक होकर पेट के सारे रोग दूर हो जाते हैं।

फोड़े-फुंसियां:

मसूर की दाल को पीसकर उसकी पुल्टिस (पोटली) को फोड़ों पर बांधने से लाभ मिलता है।

खूनी बवासीर:

सुबह भोजन के साथ मसूर की दाल खाकर और ऊपर से एक गिलास खट्टी छाछ पीना लाभकारी होता है।

मंजन:

मसूर के दाल की राख को मंजन के रूप में प्रयोग करने से लाभ मिलता है।

मुंहासे व मुंहासों के दाग-धब्बे:

मसूर की दाल को पानी में तब तक भिगोएं जब तक कि वह उस पानी को सोख न लें। इसके बाद उसे पीस लें और दूध में मिलाकर सुबह-शाम चेहरे पर लगाने से लाभ मिलता है।

दांतों को साफ और चमकदार बनाना:

  • मसूर की दाल को आग पर जला लें। फिर इसकी राख को बारीक पीसकर मंजन बना लें तथा रोजाना सुबह-शाम मंजन करें। इससे दांत साफ हो जाते हैं।
  • जीभ की जलन और सूजन: मसूर को जला लें तथा इसके बराबर सफेद कत्था लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। इसके चूर्ण को जीभ पर लगाने से जीभ की जलन और सूजन समाप्त हो जाती है।

कब्ज:

मसूर की दाल खाने से कब्ज (पेट की गैस) खत्म हो जाती है।

मुंह के छाले:

मसूर की राख और कत्था बराबर मात्रा में मिलाकर पीस लें। इसे मुंह के छाले पर लगाने से मुंह के छाले व घाव दूर हो जाते हैं।

दस्त:

मसूर की दाल के साथ चावल खाने से दस्त और पेचिश का आना बंद हो जाता है।

आंवरक्त (पेचिश):

मसूर की दाल और बेलपत्थर को पानी में उबालकर खाने से पेचिश का रोगी ठीक हो जाता है।

घाव:

पुराने घावों में मसूर को पीसकर लगाने से फायदा होता है।

प्रदर रोग:

मसूर की दाल प्रदर रोगी को खिलाने से प्रदर रोग में लाभ होता है। मसूर के आटे का चूरमा, मलीदा बनाकर रोगी को खिलाने से प्रदर रोग में आराम मिलता है।

पेट के कीड़े:

मसूर की दाल को खाने से भी पेट के कीड़ों से छुटकारा मिल जाता है।

स्तनों में दूध का अधिक मात्रा में होना:

मसूर, काहू के बीज और जीरा को सिरके के साथ पीसकर स्त्री के स्तनों पर लेप करने से दूध कम हो जाता है। ध्यान रहे कि इसका सेवन उन्हीं माताओं को करना चाहिए जिनके बच्चे स्तनों के पूरे दूध को पी नहीं पाते हैं। नहीं तो यह बच्चे को जन्म देने वाली स्त्री (प्रसूता स्त्री) के लिए हानिकारक हो सकता है।

चेहरे की झांई:

  • 3-3 चम्मच सोयाबीन और मसूर की दाल को रात को पानी में भिगो दें। सुबह दोनों को एक साथ पीसकर कच्चे दूध में मिलाकर चेहरे पर लगायें। इससे चेहरा चमक उठेगा।
  • मसूर की दाल को रात को भिगोकर रख लें और सुबह बारीक पीसकर इसमें एक छोटा चम्मच दही मिलाकर अच्छी तरह से चेहरे पर लगा लें और सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें।
  • धुली हुई मसूर की दाल त्वचा के रोम-रोम में बसी हुई गन्दगी को साफ करने में बहुत ही लाभकारी होती है। थोड़ी सी मसूर की दाल, गुलाब की सूखी पंखुड़ियां और चंदन का चुटकी भर चूरा रात को दूध में भिगोकर रख दें। सुबह इसके फूल जाने पर पीसकर चेहरे पर हल्के-हल्के हाथ से लगा लें और बाद में उसे मसल-मसल कर छुड़ा लें। इसके बाद 1 घंटे तक हल्की धूप में बैठे रहें और फिर गुनगुने पानी से धो लें। इससे गर्मी में त्वचा में ठण्डक पहुंचती है।
  • मसूर की दाल को घी में भूनकर और पीसकर रख लें। फिर 1 चम्मच दाल सुबह-शाम 2 चम्मच दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा थोड़े ही दिनों में सुन्दर और कोमल हो जायेगा।

चेहरे पर हल्के-हल्के से कालेपन के लिए:

मसूर की दाल को बारीक पीसकर और दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरे की छाया (चेहरे पर कही-कही कालापन) दूर होती है।

शारीरिक सौन्दर्यता के लिए:

मसूर की दाल को नींबू के रस में भिगो दें। फिर इस दाल को पीसकर रात को सोते समय चेहरे पर लेप करके सो जायें। सुबह उठकर चेहरे को धोने से चेहरे की खूबसूरती बढ़ जाती है।