परिचय (Introduction)
जम्भीरी नींबू, नींबू की ही एक जाति होती है जो भारत में सभी जगह पाई जाती है। नींबू जम्भीरी का फल नांरगी के फल के समान होता है।
गुण (Property)
जम्भीरी नींबू वात, कफ, पित्त, शूल (दर्द), कास (खांसी), वमन (उल्टी), आमवात रोग, अग्निमान्द्य (अपच) और पेट के कीडे़ को नष्ट करता है। इसके अतिरिक्त यह गले के रोग, आंखों के रोग, अरुचि, क्षय (टी.बी.), पित्तशूल (पित्त का दर्द), योनिदोष (योनि की बीमारी), मलस्तम्भ (मल को रोकने वाली) तथा विसूचिका (हैजा) आदि रोगों को समाप्त करता है।s
हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)
जम्भीरी नींबू का ज्यादा सेवन करने से पित्त में वृद्धि होती है।
विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)
बुखार :
नींबू जम्भीरी का रस पानी और चीनी के साथ मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।
स्कर्वी :
नींबू जम्भीरी का 2-6 मिलीलीटर रस को पीने से लाभ मिलता है।
तूतिया के जहर पर :
जम्भीरी नींबू के रस में शक्कर (चीनी) को डालकर पिलाने से तूतिया के जहर में आराम मिलाता है।
अम्लपित्त (एसिडिटीज) :
जम्भीरी नींबू के रस को शाम के दौरान पीने से अम्लपित्त में राहत मिलती
त्वचा के रोग :
नींबू जम्भीरी के तेल को ग्लिसरीन के साथ मिलाकर खुजली और फोड़े फुन्सियों पर लगाने से लाभ पहुंचता है।
खुजली :
नींबू जम्भीरी के रस में गन्धक मिलाकर गीली खुजली पर लगाने से अच्छा आराम मिलता है।
गठिया (जोड़ों के दर्द) :
जम्भीरी या कागजी नींबू का रस निकालकर शर्बत बनाकर रोजाना सुबह-शाम पीने से गठिया का रोग ठीक होता है।