कॉफी के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज

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परिचय (Introduction)

कॉफी, चाय जैसा ही दूसरा पेय है। परन्तु कॉफी में गुण की अपेक्षा अवगुण अधिक होते हैं। कुछ लोग तो कॉफी को जहर के समान मानते हैं। दिमाग की थकान मिटाने हेतु काफी का सेवन किया जाता है। काफी मूत्रवर्द्धक (पेशाब लाने वाली) होती है। कॉफी पीने से आंखों, पाचन क्रिया तथा ज्ञान तन्तुओं पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। कॉफी का मूल देश एबीसीनिया है। यह अरब निवासियों के साथ भारत आयी। चाय और काफी अलग-अलग पदार्थ हैं। इन दोनों के गुण-अवगुण एक दूसरे से मिलते हैं। सामान्यत: चाय और कॉफी की विशेषताएं समान होती हैं। हमारे देश में कॉफी केवल दक्षिण भारत में पैदा की जाती है। नीलगिरी पर 300-400 फीट ऊंचाई पर इसके बाग पाये जाते हैं। इसके पेड़ के बीज से कॉफी तैयार की जाती है। उन बीजों को बून्ददाना कहा जाता है। बून्द दानों को सेंका जाता है। इसमें विशेष प्रकार की सुगंध होती है। कॉफी में चाकोरी का मिश्रण किया जाता है। अधिकांशत: कॉफी सेवन करने वाले लोग मिश्रित किस्म ही पसन्द करते हैं। कॉफी की अनेक किस्में होती हैं। इसमें नेसकाफी अच्छी मानी जाती है। बूंददानों को सेंककर या कुछ लोग सुपारी के बदले भोजन के बाद चबाकर मुंह साफ करते हैं। बून्ददाने सेंकने पर खुशबूदार और मसालेदार बनते हैं। कॉफी पीने से शरीर में गर्मी और चुस्ती फुर्ती आती है। ठण्ड के मौसम में तथा ठण्डे प्रदेश की यात्रा के दौरान कॉफी का सेवन किया जाए तो शरीर की ठण्ड से रक्षा होती है और ज्ञानतन्तु जाग्रत होते हैं। कॉफी बहुत गर्म होने के कारण रोजाना पीने की आदत नहीं डालनी चाहिए।

गुण (Property)

कॉफी पीने से शरीर में गर्मी और चुस्ती फुर्ती आती है। ठण्ड के मौसम में तथा ठण्डे प्रदेश की यात्रा के दौरान कॉफी का सेवन किया जाए तो शरीर की ठण्ड से रक्षा होती है और ज्ञानतन्तु जाग्रत होते हैं। कॉफी बहुत गर्म होने के कारण रोजाना पीने की आदत नहीं डालनी चाहिए।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)

चाय-कॉफी में पोषक तत्वों का अभाव होता है। अत: टॉनिक के रूप में यह सर्वथा अनावश्यक है। यदि चाय-कॉफी में चीनी अधिक मात्रा में डाली जाए तो यह निर्बल पाचन (कमजोर पाचन शक्ति) शक्ति वालों को अधिक नुकसान करती है। भारत जैसे गर्म देश में काफी गर्मी उत्पन्न करती है और नींद का नाश करती है। अत: रात में कॉफी नहीं पीनी चाहिए। कॉफी के अधिक सेवन से वीर्य पतला हो जाता है, ज्ञानतन्तु निर्बल बनते हैं और पाचनशक्ति कम होकर अजीर्ण आदि रोग हो जाते हैं। लगातार लंबे समय तक कॉफी का सेवन करते रहने से स्नायु दुर्बल हो जाते हैं। स्वास्थ्य खराब रहता है।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

यदि कॉफी पीने से हार्निया (आन्त उतरना) प्रतीत होने लगे तो होम्योपैथिक औषधि `नक्सवोमिका 30` की 4 खुराकें रोजाना 1 सप्ताह तक लेने से इसके सभी प्रकार के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं। काफी पेशाब अधिक लाती है। कॉफी पीने से दिल व सांस की नलियां फैलती हैं। यदि तेज खांसी और दमा का दौरा पड़ा हो तो बिना दूध की गर्म कॉफी का सेवन लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त कहीं भी कैसा भी दर्द हो काफी पीने से दर्द दूर हो जाता है। कॉफी में कैफीन तत्व होता है जो दिमाग के अनुभव केन्द्र को प्रभावित कर उत्तेजना लाता है। इससे दर्द कम हो जाता है।