लोहबान के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज

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परिचय (Introduction)

लोहबान का रंग पीला और भूरा होता है। इसका स्वाद कडुवा होता है। लोहबान एक जंगली पेड़ की गोंद हैं, जो मस्तगी के समान होता है। यह गर्म होता है।

गुण (Property)

लोहबान मेदा (आमाशय) और धातु (वीर्य) को बहुत ही मजबूत और बलवान बनाता है। भूख को खोलता है और वायु को शांत करता है। कफ यानी बलगम को छांटता है। सर्दी की खांसी में फायदेमंद है। इससे कुल्ला और मंजन करने से दांतों का दर्द दूर होता है। चोट लगने पर इसकी लकड़ी का चूर्ण लगा देने से खून तुरन्त रुक जाता है। यह दाद में भी लाभकारी है। इसकी लकड़ी का धुआं करने से कमर और जोड़ों का दर्द दूर होता है।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)

लोहबान का अधिक मात्रा में उपयोग गरम स्वभाव वालों को नुकसान पहुंचा सकता है।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

खांसी:

60 से 120 मिलीग्राम लोहबान (लोबान) को बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से कफ बाहर निकल जाता है और खांसी भी ठीक हो जाती है।

मूत्ररोग:

लोहबान 60 मिलीग्राम से 120 मिलीग्राम की मात्रा में लेकर बादाम और गोंद के साथ सुबह-शाम लेने से पेशाब के रोगों में लाभ होता है।

मुर्च्छा (बेहोशी):

लोहबान का धुंआ नाक में देने से बेहोशी दूर हो जाती है।

फोड़ा:

लगभग 5 ग्राम लोहबान और 5 ग्राम कपूर को पानी में पीसकर फोड़े पर लेप की तरह लगाने से फोड़ा पक जाता है।

सिर का दर्द:

लोहबान को वनहल्दी के साथ घिसकर माथे पर लेप करने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।