जलकुम्भी के गुण और उससे होने वाले आयुर्वेदिक इलाज

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गुण (Property)

जलकुम्भी छोटी,रूखी, तीखी), मधुर (हलकी मीठी) है। इसका पका फल मीठा, शीतवीर्य (ठण्डी प्रकृति वाला), त्रिदोष-शामक (कफ-पित्त-वात को नष्ट करने वाला), मृदुरेचन (कठोर मल को साफ करने वाला), कफनि:सारक (कफ को निकालने वाला), मूत्र प्रणाली को ठीक करने वाला, दाह-प्रशमन (शरीर की जलन को नष्ट करने वाला), रक्तस्तम्भक (खून के बहने को रोकना) आदि गुणों वाला होता है।

जलकुम्भी कई प्रकार के रोगों को ठीक करने में उपयोगी मानी गई है जैसे-रक्तप्रवाहिका (पेचिश), रक्तविकार, रक्तपित्त, खांसी-श्वास से सम्बन्धित रोग, बुखार (ज्वर), कृमि (पेट में कीड़े बनना) तथा मूत्र से सम्बन्धित रोग।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

सिर का दाद: जल कुम्भी की राख को तेल में मिलाकर सिर के दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।